सोचें - क्यों आजकल कुछ पत्थर से हो गए हम? सोचें - क्यों आजकल कुछ पत्थर से हो गए हम?
आंचल डालती गयी तेरे उस संघर्ष को सलाम मेरे अस्तित्व के लिए नमन आंचल डालती गयी तेरे उस संघर्ष को सलाम मेरे अस्तित्व के लिए नमन
तब तुम्हारे चट्टानी ह्रदय में हुल का फूल खिलेगा। तब तुम्हारे चट्टानी ह्रदय में हुल का फूल खिलेगा।
अपशब्द अपवाद कहकर कुछ व्यक्ति पाएं अनैतिक आनंद। अपशब्द अपवाद कहकर कुछ व्यक्ति पाएं अनैतिक आनंद।
सम्मान जहाँ पर मिलता हो, वहां प्रेम सुधा बरसाओ तुम। सुन्दर सुगंध बन फूलों सी, घर अंगना को... सम्मान जहाँ पर मिलता हो, वहां प्रेम सुधा बरसाओ तुम। सुन्दर सुगंध बन फूलों...
अंतिम साँस तक लड़ूँगी हार नहीं मानूंगी ज़िंदगी से। अंतिम साँस तक लड़ूँगी हार नहीं मानूंगी ज़िंदगी से।